बाबा सबल सिंह और उनके चार भाई और बहन श्यामकौर का पवित्र स्थान पानीपत के नजदीक सफीदम मैं स्थित है।
यहां पर बाबा अस्तबली और उनके साथ पांच पीरों का स्थान है यहां पर माई मदानन का भी एक स्थान है
सबसे पहले गुरुदेव गोरखनाथ जी का जाहरवीर जी फिर पांच पीर की पूजा करके बाबा सबल सिंह माय शाम को की पूजा की जाती है और फिर पांचाल भाइयों की नागा गुरु की पूजा की जाती है। यहां पर रोज भक्तों का मेला लगता है जो सभी अपनी अपनी अपनी मन्नतें मांगते हैं और फिर जब उनकी मन्नतें पूरी हो जाती है तो दोबारा फिर इसी दर पर मत्था टेकने के लिए आते हैं सावन बाद में में जब गोगा जाहरवीर जी के दर पर गोगा माड़ी राजस्थान भगत पूजा अर्चना करके आते हैं फिर आकर स्पीड तो फिर आकर सफीदों धाम में मत्था टेकते हैं।
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